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Afzal Ansari: गैंगस्टर के दोषी अफजाल की सांसदी पर लटकी तलवार, राहुल-आजम समेत ये 'माननीय' हो चुके हैं अयोग्य
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिवेंद्र तिवारी
Updated Sat, 29 Apr 2023 04:12 PM IST
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अफजाल की सांसदी पर लटकी तलवार
- फोटो :
AMAR UJALA
विस्तार
गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट का फैसला आ गया। कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए दस साल की सजा सुनाई है। साथ ही पांच लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को भी दोषी करार किया गया है। अदालत ने उन्हें चार साल की सजा सुनाई है। ऐसे में उनकी लोकसभा सदस्यता जाने का खतरा है।अफजाल अंसारी पहले ऐसे नेता नहीं हैं, जिनकी सदस्यता जा सकती है। इसके पहले भी कई ऐसे सांसद और विधायकों की सदस्यता जा चुकी है, जिन्हें कोर्ट ने दो साल या इससे अधिक की सजा सुनाई है। आज हम ऐसे ही कुछ नेताओं के बारे में बताएंगे, जिनकी सदस्यता सजा के चलते चली गई। ये भी बताएंगे कि वो कौन सा नियम है, जिसके जरिए विधायकों और सांसदों की सदस्यता रद्द हो जाती है?

अफजाल अंसारी
- फोटो :
अमर उजाला।
किस नियम के जरिए विधायकों और सांसदों की सदस्यता रद्द हो जाती है?
लोक-प्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 8(3) के मुताबिक, अगर किसी नेता को दो साल या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसे सजा होने के दिन से उसकी अवधि पूरी होने के बाद आगे छह वर्षों तक चुनाव लड़ने पर रोक का प्रावधान है। अगर कोई विधायक या सांसद है तो सजा होने पर वह अयोग्य ठहरा दिया जाता है। उसे अपनी विधायकी या सांसदी छोड़नी पड़ती है। अफजाल अंसारी के साथ भी ऐसा ही हो सकता है। हालांकि, अफजाल पहले ऐसे नेता नहीं होंगे, जिनकी चली जाएगी। इसके पहले भी कई ऐसे सांसद और विधायकों की सदस्यता जा चुकी है, जिन्हें कोर्ट ने दो साल या इससे अधिक की सजा सुनाई है।
लोक-प्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 8(3) के मुताबिक, अगर किसी नेता को दो साल या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसे सजा होने के दिन से उसकी अवधि पूरी होने के बाद आगे छह वर्षों तक चुनाव लड़ने पर रोक का प्रावधान है। अगर कोई विधायक या सांसद है तो सजा होने पर वह अयोग्य ठहरा दिया जाता है। उसे अपनी विधायकी या सांसदी छोड़नी पड़ती है। अफजाल अंसारी के साथ भी ऐसा ही हो सकता है। हालांकि, अफजाल पहले ऐसे नेता नहीं होंगे, जिनकी चली जाएगी। इसके पहले भी कई ऐसे सांसद और विधायकों की सदस्यता जा चुकी है, जिन्हें कोर्ट ने दो साल या इससे अधिक की सजा सुनाई है।

राहुल गांधी
- फोटो :
सोशल मीडिया
किन नेताओं की सदस्यता सजा के चलते चली गई?
1. राहुल गांधी : कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता पिछले महीने मार्च में रद्द कर दी गई थी। लोकसभा सचिवालय की तरफ से इसका आदेश भी जारी किया गया था। राहुल को सूरत की एक अदालत ने मानहानि के मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। राहुल पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान 'मोदी सरनेम' पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगा था। इसी मामले में राहुल पर गुजरात के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
1. राहुल गांधी : कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता पिछले महीने मार्च में रद्द कर दी गई थी। लोकसभा सचिवालय की तरफ से इसका आदेश भी जारी किया गया था। राहुल को सूरत की एक अदालत ने मानहानि के मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। राहुल पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान 'मोदी सरनेम' पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगा था। इसी मामले में राहुल पर गुजरात के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था।

आजम खां
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अमर उजाला
2. आजम खान : समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से विधायक रहे आजम खान की सदस्यता भी चली गई है। आजम रामपुर से लगातार 10 बार विधायक चुने जा चुके हैं और सांसद भी रहे। आजम खान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अभद्र टिप्पणी का आरोप लगा था। इस मामले में तीन साल तक कोर्ट में केस चला और फिर कोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई। सजा होने के बाद आजम को जमानत तो मिल गई लेकिन उनकी विधानसभा की सदस्यता जरूर चली गई। इसके बाद पिछले साल दिसंबर में रामपुर सदर सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार आकाश सक्सेना जीत गए थे।

आजम खां व उनके बेटे अब्दुल्ला
- फोटो :
amar ujala
3. अब्दुल्ला आजम : समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के बाद उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की भी विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। मुरादाबाद की एक विशेष अदालत ने 15 साल पुराने मामले में सपा महासचिव आजम खान और उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम को दो साल की सजा सुनाई थी। अब्दुल्ला आजम रामपुर की स्वार सीट से विधायक बने थे। अब इस सीट पर उपचुनाव होने हैं।

विक्रम सैनी व उनकी पत्नी
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अमर उजाला
4. विक्रम सैनी : मुजफ्फरनगर की खतौली से विधायक रहे विक्रम सैनी की भी सदस्यता चली गई है। विक्रम दंगे में शामिल होने के दोषी पाए गए थे। ये मामला 2013 का है। तब मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक दंगे हुए थे, उस समय विक्रम सैनी जिला पंचायत सदस्य थे और उनका नाम दंगों में आया था। इस मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। विक्रम सैनी जब जेल से छूट कर आए तो भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें खतौली से अपना प्रत्याशी बना दिया। इसके बाद भारी मतों से विक्रम सैनी ने जीत हासिल की। 2022 के चुनाव में भी बीजेपी ने उन्हें फिर से अपना प्रत्याशी बनाया और इस बार भी हाईकमान के विश्वास पर खरे उतरे थे। तब मुजफ्फरनगर की छह सीटों में से केवल दो सीट ही बीजेपी जीत पाई थी, जिनमें एक सीट खतौली विधानसभा भी थी। दंगों के मामले में कोर्ट द्वारा पिछले साल नवंबर में विक्रम सैनी को दो साज की सजा सुनाई। इसके चलते उनकी सदस्यता समाप्त हो गई। खतौली सीट खाली होने पर उनकी पत्नी राजकुमारी सैनी को भाजपा ने टिकट दिया था। हालांकि, वह उप चुनाव में हार गईं।

मोहम्मद फैजल
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सोशल मीडिया
5. मोहम्मद फैजल : लक्षद्वीप सांसद मोहम्मद फैजल को भी कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। जिसके बाद उनकी सदस्यता चली गई थी। चुनाव आयोग ने लक्षद्वीप लोकसभा पर उपचुनाव कराने के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी थी। हालांकि, बाद में केरल हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी है। अभी ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। फैजल पर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद और मोहम्मद सालिया पर हमला करने का आरोप था। इस मामले में 32 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें से चार को कोर्ट ने दोषी ठहराया था। इनमें मोहम्मद फैजल भी शामिल थे।

ममता देवी
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सोशल मीडिया
6. ममता देवी: झारखंड की रामगढ़ विधानसभा सीट से विधायक ममता देवी को अयोग्य करार दिया गया था, जिस कारण ये सीट खाली हो गई थी। ममता को हजारीबाग जिले की एक विशेष अदालत ने पांच साल कारावास की सजा सुनाई थी। इन सभी को 2016 के दंगे और हत्या के प्रयास के एक मामले में दोषी ठहराया गया था। यह मामला रामगढ़ जिले के गोला में हिंसक विरोध प्रदर्शन से जुड़ा था।

इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी
- फोटो :
सोशल मीडिया।
7. खब्बू तिवारी : भारतीय जनता पार्टी से अयोध्या की गोसाइगंज सीट से विधायक रहे इंद्र प्रताप सिंह उर्फ खब्बू तिवारी की सदस्यता 2021 में चली गई थी। खब्बू तिवारी फर्जी मार्कशीट केस में दोषी पाए गए थे और 18 अक्टूबर 2021 को एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा उन्हें पांच साल की सजा सुनाई थी।

कुलदीप सिंह सेंगर
8. कुलदीप सिंह सेंगर : उन्नाव रेप कांड में दोषी ठहराए गए भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की भी सदस्यता जा चुकी है। कुलदीप सेंगर को रेप मामले में दोषी ठहराया गया था और कोर्ट ने आजीवन करावास की सजा सुनाई गई थी।

भाजपा विधायक अशोक सिंह चंदेल( फोइल फोटो)
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अमर उजाला
9. अशोक चंदेल : हमीरपुर जिले के भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे अशोक कुमार सिंह चंदेल को भी एक अदालत ने हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके बाद चंदेल की विधानसभा सदस्यता चली गई।

अनिल कुमार साहनी
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10. अनिल कुमार साहनी : आरजेडी विधायक अनिल कुमार साहनी को दिल्ली की एक सीबीआई अदालत ने धोखाधड़ी के एक मामले में दोषी ठहराया था। उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी। इसके चलते बिहार विधानसभा से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। कुरहानी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले सहनी को 29 अगस्त को सजा सुनाई गई थी और दो दिन बाद तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी। राउज एवेन्यू की अदालत ने उन्हें 2012 में यात्रा किए बिना जाली एयर इंडिया ई-टिकट का उपयोग करके यात्रा भत्ता हासिल करने का प्रयास करने का दोषी ठहराया था। उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जद (यू) के साथ रहे सहनी राज्यसभा सदस्य थे। उन्होंने 23.71 लाख रुपये के दावे प्रस्तुत किए थे। वह कुछ महीनों के भीतर विधानसभा से अयोग्य घोषित होने वाले दूसरे राजद विधायक बन गए। सदन में पार्टी की ताकत अब घटकर 78 रह गई है, जो भाजपा से सिर्फ एक अधिक है।

बाहुबली अनंत सिंह के साथ कार्तिकेय सिंह
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11. अनंत कुमार सिंह : बिहार के मोकामा विधायक अनंत कुमार सिंह की भी सदस्यता जा चुकी है। सिंह के आवास से हथियार और विस्फोटक की बरामदगी हुई थी। इस मामले में पटना की एक अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था। जिसके बाद उनकी सदस्यता चली गई।