मोदी कैबिनेट में शामिल हुईं अनुप्रिया पटेल, जानिए कैसा रहा मिर्जापुर से दिल्ली तक का सफर?
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मोदी कैबिनेट में शामिल हुईं अनुप्रिया पटेल, जानिए कैसा रहा मिर्जापुर से दिल्ली तक का सफर?

अनुप्रिया पटेल को राजनीति विरासत में मिली है. उनके पिता सोनेलाल पटेल यूपी की सियासत में अपनी अलग पहचान और दबदबा रखते थे.पिता की हादसे में मौत के बाद अनुप्रिया ने पार्टी में कदम रखा और राष्ट्रीय महासचिव बन गईं. 

अनुप्रिया पटेल.

लखनऊ: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला कैबिनेट विस्तार बुधवार शाम संपन्न हुआ. आगामी यूपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मोदी कैबिनेट में राज्य से 7 चेहरों को शामिल किया गया है. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल भी राज्यमंत्री के रूप में मोदी कैबिनेट में शामिल हुई हैं. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में सबसे युवा मंत्रियों में शामिल थीं. उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया गया था.

अमित शाह से की थी मुलाकात

पिछले महीने ही अनुप्रिया पटेल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. सूत्रों के अनुसार शाह से मुलाकात के दौरान अनुप्रिया ने साफ कर दिया था कि अगर विधानसभा चुनाव में गठबंधन बनाए रखना है तो उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी जाए.  ऐसे में विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने भी लचीला रुख अपनाते हुए अनुप्रिया को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देने का मन बनाया.

अनुप्रिया पटेल का राजनीतिक करियर
अपना दल (सोनेलाल) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने राजनीतिक करियर की शुरुआत वर्ष 2012 के चुनाव से वाराणसी के रोहनिया विधानसभा से किया. यहां उन्होंने साल 2012 के विधानसभा चुनाव में पीस पार्टी ऑफ इंडिया और बुंदेलखंड कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा. रोहनिया से वह विधानसभा सदस्य के रूप में चुनी गईं.  इसके बाद राजनीतिक सफर निरंतर आगे बढ़ता चला गया.

साल 2014 में मोदी सरकार में बनी थीं स्वास्थ्य राज्यमंत्री
बता दें, 2014 में जब मोदी सरकार बनी थी तब अनुप्रिया को केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य राज्यमंत्री बनाया गया. एनडीए गठबंधन में शामिल अपना दल ने यूपी में 2 सीटें हासिल की थीं. लेकिन 2019 में जब दूसरी बार मोदी सरकार बनी तो अपना दल (एस) को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया था. अब कैबिनेट विस्तार में उन्हें एक बार फिर मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. 

पिता की अचानक मौत के बाद अनुप्रिया ने संभाली पार्टी की कमान
अनुप्रिया पटेल को राजनीति विरासत में मिली है. उनके पिता सोनेलाल पटेल यूपी की सियासत में अपनी अलग पहचान और दबदबा रखते थे. सोनेलाल पटेल बसपा के संस्थापकों में से एक माने जाते हैं. बाद में वह बीएसपी से अलग हो गए और अन्य पिछड़ा वर्ग को केंद्रित कर अपना दल का गठन किया. सोनेलाल पटेल ने 1995 में 'अपना दल' की स्थापना की. पटेल की 2009 में एक हादसे में मौत हो गई. इसके बाद अनुप्रिया ने पार्टी में कदम रखा और राष्ट्रीय महासचिव बन गईं. 

परिवार में तनाव, मां और बेटी आमने-सामने
अनुप्रिया को सांसदी मिली तो रोहनिया विधानसभा की सीट खाली हो गई थी.इस सीट पर उपचुनाव हुए अनुप्रिया की मां खुद रोहनिया से चुनाव लड़ीं. हालांकि, अनुप्रिया चाहती थीं कि उनके पति आशीष सिंह पार्टी के उम्मीदवार बनें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

इसी के बाद से परिवार में तनाव पैदा हो गया. ये तनाव इतना बढ़ा कि अनुप्रिया और मां कृष्णा पटेल पार्टी के अध्यक्ष पद पर अपना-अपना दावा करने लगीं. अनुप्रिया की मां कृष्णा पटेल चुनाव हार गईं और हार के कुछ समय बाद ही अनुप्रिया पटेल और उनके सहयोगियों को पार्टी से बाहर निकाल दिया.

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2016 में अनुप्रिया ने बनाई 'अपना दल (सोनेलाल)'
साल 2016 में अनुप्रिया ने अपनी अलग पार्टी 'अपना दल (सोनेलाल)' का गठन किया. हालांकि, वह पार्टी की अध्यक्ष 2018 में बन सकीं. उधर, अनुप्रिया पटेल और उनकी मां पार्टी पर अधिकार को लेकर हाईकोर्ट भी पहुंचे. अभी ये मामला कोर्ट में विचाराधीन है. बता दें, इस विवाद की वजह से कृष्णा सिंह ने भी अब 'अपना दल (कमेरावेदी)' नाम से एक नई पार्टी का गठन कर लिया.

कानपुर में जन्म हुआ, दिल्ली से किया एमबीए
सांसद अनुप्रिया पटेल का जन्म कानपुर में 28 अप्रैल 1981 को हुआ. इनकी एजुकेशन दिल्ली के लेडी श्रीराम महिला कॉलेज से हुई. अनुप्रिया ने मनोविज्ञान और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) में मास्टर डिग्री की है. इनका विवाह पूर्व इंजीनियर और वर्तमान एमएलसी आशीष कुमार सिंह से हुआ है. वर्तमान समय में राजनीति दृष्टि से पटेल वर्ग में इनकी लोकप्रिय छवि बनी हुई है.

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